इस लिमिट से ज्यादा कैश में किया लेनदेन, इनकम टैक्स विभाग तुंरत भेज देगा नोटिस Income Tax Rule

इस लिमिट से ज्यादा कैश में किया लेनदेन, इनकम टैक्स विभाग तुंरत भेज देगा नोटिस Income Tax Rule

 
Income Tax Cash Transaction Limit: आज डिजिटल युग में जहाँ UPI और ऑनलाइन बैंकिंग आम हो चुकी है, वहीं देश में अब भी कई लोग नकद लेनदेन को प्राथमिकता देते हैं। लेकिन अगर आप 2 लाख रुपये से ज्यादा कैश में लेन-देन करते हैं, तो यह आपके लिए परेशानी का कारण बन सकता है। इनकम टैक्स विभाग ने कैश ट्रांजैक्शन को लेकर सख्त नियम बनाए हैं, जिनका उल्लंघन करने पर नोटिस और जुर्माना दोनों का सामना करना पड़ सकता है।


प्रति दिन नकद लेनदेन की सीमा

आयकर नियमों के अनुसार, कोई भी व्यक्ति एक दिन में अधिकतम ₹2 लाख तक ही नकद लेन-देन कर सकता है। यह सीमा एक व्यक्ति से एक दिन में नकद लेने या देने—दोनों परिस्थितियों पर लागू होती है। यदि आप इस सीमा का उल्लंघन करते हैं, तो इनकम टैक्स विभाग आपको नोटिस भेज सकता है और धारा 271D के तहत पूरी राशि के बराबर जुर्माना लगाया जा सकता है।


कहां लागू नहीं होती ये सीमा?

यह 2 लाख रुपये की सीमा बैंकों और पोस्ट ऑफिस से नकदी निकालने पर लागू नहीं होती है। आप अपने खाते से 2 लाख से अधिक की राशि निकाल सकते हैं, लेकिन किसी अन्य व्यक्ति को कैश में भुगतान करते समय यह सीमा लागू होती है। यानी संस्थानों से निकाली गई राशि को कैश में किसी अन्य को देने पर नियम तोड़ने की श्रेणी में आएगा।


व्यापारियों के लिए अलग नियम

आयकर अधिनियम की धारा 40A(3) और धारा 43 के अनुसार, यदि कोई व्यापारी ₹10,000 से अधिक का भुगतान नकद में करता है, तो वह राशि व्यापारिक खर्च के रूप में मान्य नहीं होगी। इससे उसका टैक्स बढ़ सकता है। इससे व्यापारिक लेन-देन में पारदर्शिता सुनिश्चित होती है।


धारा 269SS और 269T के नियम

धारा 269SS: किसी व्यक्ति से ₹2 लाख या उससे अधिक की नकद राशि लेना अवैध है।


धारा 269T: 20,000 रुपये से अधिक का लोन या FD कैश में चुकाना गैरकानूनी है।

इन नियमों का उल्लंघन करने पर धारा 271E के अंतर्गत उतनी ही राशि का जुर्माना लगाया जाता है।


इनकम टैक्स नोटिस मिलने पर क्या करें?

यदि आपको आयकर विभाग से कैश लेन-देन के कारण नोटिस मिलता है, तो घबराएं नहीं। नोटिस में दिए गए निर्देशों का पालन करें, सभी आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत करें और सच्चाई के साथ जवाब दें। गलत जानकारी या जवाब न देने की स्थिति में बड़ा जुर्माना और कानूनी कार्रवाई हो सकती है।


2 लाख रुपये से अधिक का ट्रांजैक्शन कैसे करें?

यदि आप ₹2 लाख से अधिक का भुगतान या प्राप्त करना चाहते हैं, तो नीचे दिए गए डिजिटल माध्यमों का उपयोग करें:


  1. NEFT (नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर)
  2. RTGS (रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट)
  3. UPI (यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस)
  4. IMPS या बैंक ट्रांसफर


ये तरीके न सिर्फ सुरक्षित हैं, बल्कि इसका रिकॉर्ड भी आयकर विभाग में वैध माना जाता है।


डिजिटल भुगतान के फायदे

  1. कोई कैश ले जाने की जरूरत नहीं
  2. सुरक्षित और तेज़ ट्रांजैक्शन
  3. पूरा ट्रांजैक्शन रिकॉर्ड सुरक्षित रहता है
  4. टैक्स रिटर्न और ऑडिट में सहूलियत
  5. सरकार द्वारा समय-समय पर छूट और रिवार्ड्स


कैश लेनदेन पर नियंत्रण क्यों ज़रूरी है?

काले धन पर रोक लगाने और टैक्स चोरी से निपटने के लिए सरकार ने ये नियम बनाए हैं। डिजिटल ट्रांजैक्शन से देश की अर्थव्यवस्था पारदर्शी बनती है और कर संग्रह बेहतर होता है। साथ ही इससे नागरिकों की वित्तीय जिम्मेदारी भी तय होती है।


सावधानियां जो आपको जरूर बरतनी चाहिए:

  1. कभी भी ₹2 लाख से ज्यादा कैश लेन-देन न करें।
  2. बड़े ट्रांजैक्शन के लिए हमेशा बैंकिंग माध्यम चुनें।
  3. सभी वित्तीय रिकॉर्ड और दस्तावेज अपने पास सुरक्षित रखें।
  4. यदि किसी कारण से कैश लेन-देन जरूरी हो, तो उसका उचित कारण और प्रमाण जरूर रखें।


Disclaimer:

यह लेख केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से है और इसे कानूनी या वित्तीय सलाह के रूप में न लें। लेनदेन से जुड़े नियम समय-समय पर बदल सकते हैं। सही और अद्यतन जानकारी के लिए आयकर विभाग की आधिकारिक वेबसाइट या किसी पंजीकृत टैक्स सलाहकार से संपर्क करें।

Vinita Singh

विनीता सिंह एक प्रतिभाशाली लेखिका और संपादिका हैं, जो एक प्रमुख न्यूज़ पोर्टल से जुड़ी हुई हैं। सरकारी योजनाओं, समाचारों, टेक्नोलॉजी और ऑटोमोबाइल से जुड़े विषयों पर उनकी संक्षिप्त लेकिन प्रभावशाली राय उन्हें पत्रकारिता की दुनिया में एक प्रिय और विश्वसनीय नाम बनाती है। उनकी लेखन शैली में सहजता और विषयों की गहरी समझ स्पष्ट झलकती है, जो पाठकों को लगातार आकर्षित करती है।

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